slide

Friday 31 January 2014

पूज्य बापूजी निर्दोष है (Pujya Asaram Bapuji Is Innocent ) -24



न्यायालयों में जजों की भारी कमी को देखते हुए "मीडिया" को न्याय देने का काम सौंपा गया लगता है... मीडिया में रोजाना ट्रायल, मीडिया में ही सुनवाई, मीडिया ही आरोप तय करके फांसी वगैरह जो भी सुनाना हो, सुना दे और मामला ख़त्म करे... शायद ऐसा ही कुछ चाहते होंगे देश के बुद्धिजीवी(??)


 जिस तरह से देश की मुख्य समस्याओं को दरकिनार करते हुए समूचा मीडिया सिर्फ हिन्दू संतों के पीछे पड़ा हुआ है, उससे अब दुर्गन्ध उठने लगी है. जो लोग संत आसाराम जी बापू  के मामले में निरपेक्ष रूप से सोचते होंगे अब वे भी इस "अनथक मीडिया ट्रायल" के चलते किसी गहरे षडयंत्र की बू सूंघने लगे है  !!


इन मीडियाई "दल्लों" द्वारा चलाए जा रहे ऐसे "मीडिया ट्रायल" कभी भी "पवित्र परिवार के किसी सदस्य" अथवा रिलायंस-अम्बानी के खिलाफ नहीं चलाए जाते...आखिर क्यूँ ??


पूज्य बापूजी निर्दोष है (Pujya Asaram Bapuji Is Innocent ) -23



देश-विदेश में आज करोड़ों माताएँ-बहनें हैं जो पिछले चार महीने से व्रत-उपवास, धरना-प्रदर्शन एवं रैलियों के माध्यम से पूज्य बापूजी के खिलाफ चल रहे षड्यंत्र का विरोध कर रही हैं, मीडिया उसे क्यों नहीं दिखाती ?

जिस मामले को डॉ. सुब्रह्मण्यम स्वामी जैसे सुप्रसिद्ध न्यायविद् ने भी पूर्णतः बोगस बताया हो, ऐसे बेबुनियाद, मनगढ़ंत मामलों को मिर्च-मसाला लगाकर मीडिया द्वारा दिनभर क्यों परोसा जा रहा है ?


आखिर क्या कारण है की आज कुछ बिके हुये टी.वी. चैनल और समाचार पत्रों में एक धर्म विशेष को ही अपने निशाने पर लिया जा रहा है ???



पूज्य बापूजी निर्दोष है (Pujya Asaram Bapuji Is Innocent ) -22



कुछ सेकुलरिज्म रूपी एड्स से ग्रसित हिन्दुवों के मानसिक दिवालेपन की कल्पना आप इसे बात से लगा सकते ही के वे बिना सत्य को जाने मीडिया की बातों में आ अपने ही माननीय संतो के प्रति अपशब्दों का प्रयोग करते है या उन्हें भला बुरा कहते फिरते है !!


इस दुनिया में 99% मुल्ला चीख चीख कर कहता है कि - वो सेकुलर नाम का कोढ़ी नहीं है । और उसका इस्लाम सबसे महान है । इसी दुनिया के 99% ईसाई डंके की चोट पर कहने को तैयार हैं कि - वो सेकुलर नहीं हैं । और ईसाई ही दुनिया के राजा हैं । पर उसी दुनिया में 99% हिन्दू ये कहते हैं कि - वो सेकुलर हैं । और सब धर्म समान हैं । वाह रे हिन्दू ।

हमारी संस्कृति हमारी महान परंपरा का यथार्थ ज्ञान ना होना हमारी रगों में हिंदुत्व का अभिमान ना होना ही हम हिंदुवों के पतन का मुख्य कारण रहा है...

अगर सेक्युलर होने का मतलब हिन्दू विरोध है तो मै सेक्युलर नहीं हूँ.
अगर सेक्युलर होने का मतलब किसी धर्म विशेष का तुष्टीकरण हैं तो मै सेक्युलर नहीं हूँ.

किसी भी संत-महात्मा या हमारी सांस्कृतिक परंपरा के बारे में हलकी प्रतिक्रिया देने में कभी जल्दबाजी न करे...! मीडिया का चश्मा उतार उसके पीछे के सत्य को स्व-विवेक से जानने  का प्रयत्न करे